हमारे हिन्दू धर्म में माँ बाप की सेवा को परम पुनीत कर्त्तव्य बताया गया है . पर हम जैसे जैसे अपनी संस्कृति से दूर होते जा रहे है हम अपने कर्तव्यों से विमुख होते जा रहे है
अपने ह्रदय की सम्पूर्ण वेदना मै अपनी लिखी कविता के माध्यम से आप तक पहुचना चाहता हू .
संतान
आज ख़ुशी का अवसर था
घर में आया था नन्हा मेहमान
माँ की ख़ुशी की सीमा न थी
उस का पूरा था ये जहान
मन में अपार ममता थी
कितने ह्रदय में थे अरमान
अब अपने लिए न जीती थी वह
शिशु में बसे थे उस के प्राण
समय चक्र चल रहा था गति से
चलना ही था उस का काम
शिशु ने सीख लिया था चलना
अपनी माँ के हाथ को थाम
प्रयास था हर ख़ुशी देने का
इसी लिए थे उस के इतने मान
मुख से निकलते ही पूरा होता
जो होता उस का अरमान
कर्तव्यों का बोझ बहुत था
उठाना जिसे न था आसान
पिता तो यह भूल ही गया था
कब हो जाती सुबह से शाम
कभी उन के अपने भी सपने थे
पर कर दिए उन्होंने सब बलिदान
बड़ी तपस्या की थी उन्हों ने
तब बड़ा हुआ था वह नादान
पहले सी अब बात नहीं थी
बूढा तन था उन दोनों के साथ
पर इस का उन को रंज नहीं था
अपने बेटे से थी जो आस
माता पिता का सपना था वह
उन के दिल की था वह आस
पर उस को कहा थी उन की परवाह
नयी जवानी थी जो साथ
उस के निर्णय सिर्फ उस के थे
इस में माँ और पिता का क्या था काम
उन को एक ही पल में कर के बेगाना
एक दिन जोड़ा साथ किसी के अपना नाम
जिन से उन का मोह जुड़ा था
उसी ने तोड़े थे अरमान
माता पिता और घर का कूड़ा
दोनों थे अब एक समान
जिन्हों ने पूरा जीवन संघर्ष किया '
पर न खोया था अपना सम्मान
अपने ही रक्त से हार गए थे
पल-पल सह रहे रहे अपमान
कल तक जिसे सुनाई थी लोरी
अब वही रहा था ताने मार
ऐसा हुआ था वह निर्लज्ज
की शर्मा जाये शैतान
बूढी आँखों में सिर्फ आंसू थे
जुबा हो चुकी थी बेजान
अब एक ही इच्छा शेष बची थी
की जल्द ही जाए तन के प्राण
इश्वर से थी एक ही प्रार्थना
धरती पर आओ भगवान्
फिर माँ बाप बन कर देखो
जिन की औलादे हो शैतान
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Sunday, August 29, 2010
हिन्दू क्रांति ,समय की पुकार
आज जब की पूरा विश्व इस्लामिक आतंकवाद की दी हुई चोटों से कराह रहा है .हमारी भोली भाली हिन्दू जनता तो सिर्फ रियलिटी शो ,इंडियन आईडल आदि में वोट करने ,क्रिकेट मैच कौन जीतेगा , अगला चुनाव कौन जीतेगा आदि गप्पे मारने में व्यस्त है .
इन में बहुत से तो कभी वोट डालने तक नहीं गए और जो गए भी तो उन्हें राष्ट्रिय मुद्दों पर नहीं बल्कि स्थानीय मुद्दों पर या किसी के कहने पर वोट डाला .राष्ट्र चिंतन का समय कहा है उन के पास .
जागो इस से पहले की बहुत देर हो जाये ,
समय की मांग की हिन्दू संगठित हो जाये और चारो तरफ होने वाली घटनाओ को बारीकी से देखे .कश्मीर घाटी आज हिन्दू विहीन हो गई है . पूर्वोत्तर राज्यों के कई जिले अब मुस्लिम बहुल है और अल्पसंख्यक हिन्दू वहा से पलायन कर रहा है .पाकिस्तान और बंगलादेश में हिन्दू कितनी बदतर हालत में है इस की आप कल्पना भी नहीं कर सकते है ,
आज यदि आप हिन्दू है तो आप की आवाज कोई सुनने वाला नहीं है . पर यदि आप मुस्लिम आतंकवादी भी है तो आप के साथ लाखो की तादात ,सियासी ताकत और आप के तलवे चाटने वाली सरकार है .
सोहराबुद्दीन जिसे तीन राज्यों की पुलिस ने एक सैयुक्त अभियान मार गिराया था और A .K . 4 7 का जखीरा उस के घर से बरामद हुआ . उस की पैरवी के लिए मानवता अधिकारवादी से ले कर केंद्र सरकार तक खड़ी है और अमित शाह जैसा देश भक्त को पुरुस्कार में जेल मिली है .
हिन्दुओ का इस से बड़ा अपमान और क्या होगा की राम जन्म भूमि पर भी हमें पूजा का अधिकार नहीं . पाकिस्तान तो दे दिया पर अब भी वही इस्तिथि है .अर्थात आजादी से पहले हम जहा थे अभी भी वही हैं.
पाकिस्तान का निर्माण क्यों हुआ और वो भी १६ अगस्त १९४६ को मुस्लिम लीग के प्रत्यच्छ कार्यवाही दिवस में हजारो हिन्दू मारे जाने के बाद .
कश्मीर से कश्मीरी पंडित क्यों निकाले गए और अब क्यों सिक्ख धमकाए जा रहे है .
क्यों मुस्लिम इलाकों में पाकिस्तान का झंडा लहरा दिया जाता है और अफजल गुरु को फासी देने पर पूरे देश में दंगे करने की धमकी देते है .
आजादी के समय अल्पसंख्यक हिन्दू कहा गए पाकिस्तान में , हैदराबाद को पाकिस्तान में मिलाने की माग क्यों करते है .भारत ने इन्हे क्या नहीं दिया पर ............
जहा पर ये अल्पसंख्यक है वहा पर धर्म निरपेछ और जैसे ही बहुसंख्यक हुए सरीयत के हिसाब से .
अगर हम अब भी न जगे तो हमें आने वाली पीढ़ी अँधा कहेगी
इन में बहुत से तो कभी वोट डालने तक नहीं गए और जो गए भी तो उन्हें राष्ट्रिय मुद्दों पर नहीं बल्कि स्थानीय मुद्दों पर या किसी के कहने पर वोट डाला .राष्ट्र चिंतन का समय कहा है उन के पास .
जागो इस से पहले की बहुत देर हो जाये ,
समय की मांग की हिन्दू संगठित हो जाये और चारो तरफ होने वाली घटनाओ को बारीकी से देखे .कश्मीर घाटी आज हिन्दू विहीन हो गई है . पूर्वोत्तर राज्यों के कई जिले अब मुस्लिम बहुल है और अल्पसंख्यक हिन्दू वहा से पलायन कर रहा है .पाकिस्तान और बंगलादेश में हिन्दू कितनी बदतर हालत में है इस की आप कल्पना भी नहीं कर सकते है ,
आज यदि आप हिन्दू है तो आप की आवाज कोई सुनने वाला नहीं है . पर यदि आप मुस्लिम आतंकवादी भी है तो आप के साथ लाखो की तादात ,सियासी ताकत और आप के तलवे चाटने वाली सरकार है .
सोहराबुद्दीन जिसे तीन राज्यों की पुलिस ने एक सैयुक्त अभियान मार गिराया था और A .K . 4 7 का जखीरा उस के घर से बरामद हुआ . उस की पैरवी के लिए मानवता अधिकारवादी से ले कर केंद्र सरकार तक खड़ी है और अमित शाह जैसा देश भक्त को पुरुस्कार में जेल मिली है .
हिन्दुओ का इस से बड़ा अपमान और क्या होगा की राम जन्म भूमि पर भी हमें पूजा का अधिकार नहीं . पाकिस्तान तो दे दिया पर अब भी वही इस्तिथि है .अर्थात आजादी से पहले हम जहा थे अभी भी वही हैं.
पाकिस्तान का निर्माण क्यों हुआ और वो भी १६ अगस्त १९४६ को मुस्लिम लीग के प्रत्यच्छ कार्यवाही दिवस में हजारो हिन्दू मारे जाने के बाद .
कश्मीर से कश्मीरी पंडित क्यों निकाले गए और अब क्यों सिक्ख धमकाए जा रहे है .
क्यों मुस्लिम इलाकों में पाकिस्तान का झंडा लहरा दिया जाता है और अफजल गुरु को फासी देने पर पूरे देश में दंगे करने की धमकी देते है .
आजादी के समय अल्पसंख्यक हिन्दू कहा गए पाकिस्तान में , हैदराबाद को पाकिस्तान में मिलाने की माग क्यों करते है .भारत ने इन्हे क्या नहीं दिया पर ............
जहा पर ये अल्पसंख्यक है वहा पर धर्म निरपेछ और जैसे ही बहुसंख्यक हुए सरीयत के हिसाब से .
अगर हम अब भी न जगे तो हमें आने वाली पीढ़ी अँधा कहेगी
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