आज जब की पूरा विश्व इस्लामिक आतंकवाद की दी हुई चोटों से कराह रहा है .हमारी भोली भाली हिन्दू जनता तो सिर्फ रियलिटी शो ,इंडियन आईडल आदि में वोट करने ,क्रिकेट मैच कौन जीतेगा , अगला चुनाव कौन जीतेगा आदि गप्पे मारने में व्यस्त है .
इन में बहुत से तो कभी वोट डालने तक नहीं गए और जो गए भी तो उन्हें राष्ट्रिय मुद्दों पर नहीं बल्कि स्थानीय मुद्दों पर या किसी के कहने पर वोट डाला .राष्ट्र चिंतन का समय कहा है उन के पास .
जागो इस से पहले की बहुत देर हो जाये ,
समय की मांग की हिन्दू संगठित हो जाये और चारो तरफ होने वाली घटनाओ को बारीकी से देखे .कश्मीर घाटी आज हिन्दू विहीन हो गई है . पूर्वोत्तर राज्यों के कई जिले अब मुस्लिम बहुल है और अल्पसंख्यक हिन्दू वहा से पलायन कर रहा है .पाकिस्तान और बंगलादेश में हिन्दू कितनी बदतर हालत में है इस की आप कल्पना भी नहीं कर सकते है ,
आज यदि आप हिन्दू है तो आप की आवाज कोई सुनने वाला नहीं है . पर यदि आप मुस्लिम आतंकवादी भी है तो आप के साथ लाखो की तादात ,सियासी ताकत और आप के तलवे चाटने वाली सरकार है .
सोहराबुद्दीन जिसे तीन राज्यों की पुलिस ने एक सैयुक्त अभियान मार गिराया था और A .K . 4 7 का जखीरा उस के घर से बरामद हुआ . उस की पैरवी के लिए मानवता अधिकारवादी से ले कर केंद्र सरकार तक खड़ी है और अमित शाह जैसा देश भक्त को पुरुस्कार में जेल मिली है .
हिन्दुओ का इस से बड़ा अपमान और क्या होगा की राम जन्म भूमि पर भी हमें पूजा का अधिकार नहीं . पाकिस्तान तो दे दिया पर अब भी वही इस्तिथि है .अर्थात आजादी से पहले हम जहा थे अभी भी वही हैं.
पाकिस्तान का निर्माण क्यों हुआ और वो भी १६ अगस्त १९४६ को मुस्लिम लीग के प्रत्यच्छ कार्यवाही दिवस में हजारो हिन्दू मारे जाने के बाद .
कश्मीर से कश्मीरी पंडित क्यों निकाले गए और अब क्यों सिक्ख धमकाए जा रहे है .
क्यों मुस्लिम इलाकों में पाकिस्तान का झंडा लहरा दिया जाता है और अफजल गुरु को फासी देने पर पूरे देश में दंगे करने की धमकी देते है .
आजादी के समय अल्पसंख्यक हिन्दू कहा गए पाकिस्तान में , हैदराबाद को पाकिस्तान में मिलाने की माग क्यों करते है .भारत ने इन्हे क्या नहीं दिया पर ............
जहा पर ये अल्पसंख्यक है वहा पर धर्म निरपेछ और जैसे ही बहुसंख्यक हुए सरीयत के हिसाब से .
अगर हम अब भी न जगे तो हमें आने वाली पीढ़ी अँधा कहेगी
3 comments:
kuch to agee karoge.........
hiduo ko sudharooo...........
मिसिर जी ! यह एक अत्यंत संवेदनशील विषय है. हमारे देश में बहुत से राष्ट्रवादी मुस्लिम हैं, किन्तु दुर्भाग्य से इस्लाम के नाम को बदनाम करते हुए कुछ मुस्लिमों ने ठेकेदारी ले रखी है. इन ठेकेदारों में केवल धर्माधिकारी और आतंकी ही नहीं बल्कि डाक्टर, इंजीनियर और वैज्ञानिक जैसी अच्छी सख्सियतें भी शामिल हैं ...निश्चित ही इन्हें धर्मांध कहने में मुझे कोई हिचक नहीं हैं. मैं गहरे दुःख के साथ अपने कुछ मुस्लिम मित्रों से क्षमायाचना के साथ मुस्लिमों को द्वितीय नागरिकता का पक्षधर हूँ. मैं जानता हूँ इससे राष्ट्रवादी मुस्लिमों को आघात पहुंचेगा. पर हिन्दू-मुस्लिम के बीच बढ़ती विद्वेष भावना को कम करने के लिए उन्हें यह बलिदान स्वीकार करना चाहिए. मैं मानता हूँ कि आध्यात्मिक स्तर पर किसी भी समुदाय में भिन्नता नहीं हो सकती ....पर जीवन जीने के तरीकों और समाज की बेहतरी के तरीकों में बेशक बहुत फर्क हैं. मैं एक सीधी सी बात जानता हूँ कि जब विभाजन का आधार ही धर्म था तो बटवारा ठीक से क्यों नहीं किया गया ? किसी यूटोपिया से वास्तविक ज़िंदगी नहीं चला करती. देश के सामने एक खयाली पुलाव परोसने का वायदा किया गया था जो हमने नहीं चाहिए .....क्योंकि वह कभी पूरा हो ही नहीं सकता.
बाबा जे.सी. जी को धन्यवाद आपका पता देने के लिए. मैंने shuroo से padhane का faisalaa किया isliye aapkee puraanee पोस्ट्स पर हूँ अभी. एक सरसरी दृष्टि से कुछ नयी posts पर भी दृष्टि daalee है ...shiv के sambandh में vyaakhyaa के लिए fijiks और ganit से बहुत madad milatee है ...यह मैंने भी dekhaa है. aap जो likh rahe हैं use abhiyaan के roop में jaaree rakhiye.
कौशलेन्द्र जी आप का स्वागत है , इसे आप साझा मंच समझिये , आप के विचारो का स्वागत है , j.c. जी ने मेरा बहुत ही ज्ञानवर्धन किया है , मेरा मानना है की ज्ञान साझा करने के लिए होता है .
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