तत्वदर्शन परिचय भाग 5 - पृथ्वी तत्व
पृथ्वी तत्व सबसे आरम्भिक तत्व है । इस की सहायता से बाकी तत्व सिद्ध करना सरल हो जाता है। यह तत्व आप की सहनसक्ति को अकल्पनीय स्तर तक ले जाता है। हर संसारिक सुख का यह स्रोत भी है।यही कारण है की अधिकाँश साधक यही भटक जाते है और संसारिक सुुखो मे लिप्त हो कर वही रह जाते हैं।
यह तत्व अन्य की अपेक्षा जल्दी सिद्ध भी होता है और लालसा भी जाग सकती है यदि थोडा भी मार्ग से विचलित हुए।
सीता जी क्यो पृथ्वी की बेटी थी ये आप उन की सहनसीलता से समझ सकते हैं।
चाहे कितनी भी थकान क्यो न हो इस तत्व से वो क्षण भर मे समाप्त हो जाती है।
पहचान - जब यह तत्व चल रहा होता है तो श्वास १२ अंगुल तक होती है।
इस तत्व का ध्यान करने के लिए चौकोर आकृति का ध्यान लगाए जिस का रंग पीला है और कस्तूरी जैसी मंद मंद गंध आ रही हो।
बीज मंत्र - लं
2 comments:
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