शिव आराधना
जब मैं शिव लिंग पर दूध अर्पित होते देखता हू तो मुझे यह उचित प्रतीत नहीं होता। क्या यही विधि है आराधना की ?
क्या बेल पत्र के शिव प्रसन्न होते है ?
शिव जी के प्रसाद के नाम पर भांग को खाना या पीना सहीं है ?
ना जाने मैने कितनी बार भगवा वस्त्र पहने व्यकियो को अर्थात साधु वेशधारियो को गांजा पीते देखा। बड़े आराम से शिव का नाम ले कर ये नशा करते है ?
क्या धर्म नशे कि स्वीकृति देता है ?
मैंने बहुत लोगो से बात कि। हर बात के बड़े ही विचित्र तर्क थे। कुल मिला कर आस्था की ढ़ाल का हि प्रयोग करतें पाया तर्कहीन होने पर।
आखिर ये सब अाया कहा से ?
हमने कितने व्यापक शिव को संकीर्ण विचारों से आडम्बर दवरा बांध दिया। अर्थ का अनर्थ निकाला। ये शिव आराधना की विधियाँ कदापि नहि हो सकती हैं।
आराधना विधि -
शिव की वास्तविक आराधना साक्षी भाव मे समाहित है। अगर आप साक्षी भाव मे जीने लगे तो फ़िर आप पाएंगे कि शक्ति तो सदा से आप के पास हि है। वो शक्ति जो श्रष्टि क निर्माण करती है शिव से साथ।
कुछ भी शेष न रहेगा पाने को। क्यों की जो आप से अलग हो वही प्राप्त किया जा सकता है।
जो स्थिति समाधी प्राप्त होने पर होती है वो आप हर एक पल मे अनुभव करते है।
साक्षी भाव कि विधि जितनी आसान लगनी है। वो उतनी ही कठिन भी है। मैं इस बात को भली भांति जानता हूँ। साक्षी भाव पर मैंने लेख ३ वर्ष पहले लिखा था। लेख लिखने के ४ वर्ष पहले से आराधना क प्रयास है पर जब मैन लगभग उस के पास पंहुचता हूँ तो मुझे कुछ न कुछ व्यथित करने वाली परिस्थिति का सामना करना पड़ता है , यू ही साक्षी भाव का स्थाई अनुभव नहीं हो जाता।
मेरी कठिनाई स्थिरप्रज्ञ ना हो पाना है। दुःख मुझे दुखी और सुख मुझे उस कि कामन के लिये अभी भि प्रेरित करता है।
अगर मैं इस को पार भि कर लू तो हो सकता है कि कोई नई परीक्षा हो। जो भी हो मैं अपनी आराधना करता रहूँगा।
भाग्यवान और स्थिरप्रज्ञ कर्मयोगी ६ माह में भी प्राप्त कर सकता है। तो किसी के लिए पूरी जिंदगी भि कम पड सकतीं है। ये निर्भर करता है की आप आराधना मे कितने पक्के है।
मुझे स्वीकार करने मे तनिक भी संकोच नहीं है कि मै कच्चा हु। पर आराधना इसी का नाम है
और आराध्य सिर्फ़ शिव है जो निराकार भी है और हम मे साकार भी
आप सब भी आराधना कीजिये क्या पता आप लक्ष्य के निकट हि हो और आप अपनी लक्ष्य प्रप्ति के लिये ये सन्देश ईश्वर कि प्रेरणा से पढ़ रहे हो।
क्यों की मै तभी लिखता हु जब मेरे अन्दर से आवाज आती है।